Monday, 13 November 2017

राजस्थान के लोकदेवता-पाबूजी

प्रिय बंधुओं,
               यहां कुछ बहुमुल्य जानकारी उपलब्ध
करवाई जा रही है।
जो मेरे भाई-बहिन प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी मे दिन-रात लगे हुए है या वो जो अपने ज्ञान मे वृद्धि करने के इच्छुक है या बहुत कुछ जाननें के प्रति दृढ़ संकल्पित है। वैसे सफलता का कोई आसान रास्ता नही होता पर छोटी-छोटी पगडंडियों से राह सुगम हो जाती है।
पहले के समय मे जहां गणित,और विज्ञान की पढाई पर ही बल दिया जाता था।गणित और विज्ञान को कठिन विषय समझा जाता था।जिसका डर आज भी बच्चो के दिलों-दिमाग पर छाया हुआ है।
वर्तमान दौर मे इतिहास एवं सामान्य ज्ञान पर ही बल दिया जा रहा है क्योंकि प्रतियोगी परीक्षाओं मे अधिक अंक लाने के लिए आपको सामान्य ज्ञान होना बहुत जरूरी है और समय की मांग भी है।
तो मित्रों शुरू से ही यदि हम सामान्य ज्ञान का अध्ययन निरन्तर करते रहे तो हमें ज्यादा परेशानियों का सामना नही पड़ता।
सामान्य ज्ञान याद रखने का केवल और केवल एक ही तरीका होता है सुबह सुबह ध्यान एवं योगा और  सामान्य ज्ञान का समय समय पर दोहराव।
अंत मे मै उम्मीद करता हूं कि प्रस्तुत जानकारी आप लोगो के लिए उपयोगी होगी।
अगर लिखते समय कोई भूल हुई हो या आप कोई सुझाव देना चाहे कि आप किसके बारें मे जानकारी चाहते है तो कृपया करके मुझे अवगत करायें।
अगर मेरी वजह से किसी भी भाई बहिन के ज्ञान मे वृद्धि हुई तो मै अपने आपको भाग्यशाली समझूंगा।





*जन्म-कोलूमंड(वर्तमान मे जोधपुर जिले की फलौदी तहसील का एक गाँव)
*प्रतीक चिह्न-भाला
*आराध्य देव-रेबारी,थोरी,भील,मेहर मुसलमान के
*सहयोगी-चांदा-डेमा,हरमल
*फड़ यंत्र-माठ वाद्य(रेबारी व भोपे)
*जीवन चरित्र-पाबू प्रकाश(कवि मोडजी आशिया)
*वीरगति-देचू गाँव के समीप
*बहनोई-जायल नरेश जिन्दराव खींची
*अन्य नाम-लक्ष्मण का अवतार,भाला लिये अश्वारोही,ऊँटो के देवता,प्लेग रक्षक देवता
*मेला-चैत्रअमावस्या(कोलूमंड मे)
*घोड़ी-केसर कलमी
*पंच पीरो मे सबसे पहला नाम पाबू जी का आता है।

Trick:"पाबू प्यारा धंधा कमल का"

पाबू जी
सुप्यार दे/फूलमदे(पत्नी)
धांधलजी राठौड़(पिता)
कमला दे(माता)

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