Tuesday, 14 November 2017

बीकानेर के राठौड़


प्रिय बंधुओं,
               यहां कुछ बहुमुल्य जानकारी उपलब्ध
करवाई जा रही है।
जो मेरे भाई-बहिन प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी मे दिन-रात लगे हुए है या वो जो अपने ज्ञान मे वृद्धि करने के इच्छुक है या बहुत कुछ जाननें के प्रति दृढ़ संकल्पित है। वैसे सफलता का कोई आसान रास्ता नही होता पर छोटी-छोटी पगडंडियों से राह सुगम हो जाती है।
पहले के समय मे जहां गणित,और विज्ञान की पढाई पर ही बल दिया जाता था।गणित और विज्ञान को कठिन विषय समझा जाता था।जिसका डर आज भी बच्चो के दिलों-दिमाग पर छाया हुआ है।
वर्तमान दौर मे इतिहास एवं सामान्य ज्ञान पर ही बल दिया जा रहा है क्योंकि प्रतियोगी परीक्षाओं मे अधिक अंक लाने के लिए आपको सामान्य ज्ञान होना बहुत जरूरी है और समय की मांग भी है।
तो मित्रों शुरू से ही यदि हम सामान्य ज्ञान का अध्ययन निरन्तर करते रहे तो हमें ज्यादा परेशानियों का सामना नही पड़ता।
सामान्य ज्ञान याद रखने का केवल और केवल एक ही तरीका होता है सुबह सुबह ध्यान एवं योगा और  सामान्य ज्ञान का समय समय पर दोहराव।
अंत मे मै उम्मीद करता हूं कि प्रस्तुत जानकारी आप लोगो के लिए उपयोगी होगी।
अगर लिखते समय कोई भूल हुई हो या आप कोई सुझाव देना चाहे कि आप किसके बारें मे जानकारी चाहते है तो कृपया करके मुझे अवगत करायें।
अगर मेरी वजह से किसी भी भाई बहिन के ज्ञान मे वृद्धि हुई तो मै अपने आपको भाग्यशाली समझूंगा।






Trick:बीलू का जैक रायकन है अनूप

*बी-राव बीका(1465-1504)-1465मे बीकानेर नगर की नींव डाली।
*लू-राव लूणकरण(1504-1520)-इन्हे अपनी दानशीलता के कारण 'कलयुग का कर्ण'बीठू सूजा ने कहा।
*जै-राव जैतसी-बाबर के उत्तराधिकारी कामरान को 1534मे पराजित किया।
*क-कल्याण मल-इन्होने 1570 मे नागौर दरबार मे अकबर की अधीनता स्वीकार की।
*राय-महाराजा राय सिंह(1574-1612)-मुंशी देवी प्रसाद ने इन्हे 'राजपूताने का कर्ण'कहा।ये अकबर दरबार मे थे।
*कन-कर्ण सिंह-इन्हे औरंगजेब ने जांगलधर बादशाह की उपाधि दी।
इन्होने साहित्य 'कल्पद्रुमक'की रचना की।
*अनूप-अनूप सिंह-इन्हे 'विद्वानो का जन्मदाता' कहा जाता है।इन्होने विवेक चिंतामणी,काम प्रबोध,श्राद्ध प्रयोग,अनूपोदय ग्रंथ लिखे।

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