Thursday, 28 December 2017

मनोविज्ञान के सिद्धान्त:टालमैन

प्रिय बंधुओं,
               यहां कुछ बहुमुल्य जानकारी उपलब्ध
करवाई जा रही है।
जो मेरे भाई-बहिन प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी मे दिन-रात लगे हुए है या वो जो अपने ज्ञान मे वृद्धि करने के इच्छुक है या बहुत कुछ जाननें के प्रति दृढ़ संकल्पित है। वैसे सफलता का कोई आसान रास्ता नही होता पर छोटी-छोटी पगडंडियों से राह सुगम हो जाती है।
पहले के समय मे जहां गणित,और विज्ञान की पढाई पर ही बल दिया जाता था।गणित और विज्ञान को कठिन विषय समझा जाता था।जिसका डर आज भी बच्चो के दिलों-दिमाग पर छाया हुआ है।
वर्तमान दौर मे इतिहास एवं सामान्य ज्ञान पर ही बल दिया जा रहा है क्योंकि प्रतियोगी परीक्षाओं मे अधिक अंक लाने के लिए आपको सामान्य ज्ञान होना बहुत जरूरी है और समय की मांग भी है।
तो मित्रों शुरू से ही यदि हम सामान्य ज्ञान का अध्ययन निरन्तर करते रहे तो हमें ज्यादा परेशानियों का सामना नही पड़ता।
सामान्य ज्ञान याद रखने का केवल और केवल एक ही तरीका होता है सुबह सुबह ध्यान एवं योगा और  सामान्य ज्ञान का समय समय पर दोहराव।
अंत मे मै उम्मीद करता हूं कि प्रस्तुत जानकारी आप लोगो के लिए उपयोगी होगी।
अगर लिखते समय कोई भूल हुई हो या आप कोई सुझाव देना चाहे कि आप किसके बारें मे जानकारी चाहते है तो कृपया करके मुझे अवगत करायें।
अगर मेरी वजह से किसी भी भाई बहिन के ज्ञान मे वृद्धि हुई तो मै अपने आपको भाग्यशाली समझूंगा।




Trick:अव्यक्त प्रतीक चिन्ह का ज्ञान व संभावना संप्रयोजित उद्देश्य होती है।

अव्यक्त--अव्यक्त अधिगम सिद्धान्त

प्रतीक--प्रतीकात्मक सिद्धान्त

चिन्ह--चिन्ह पूर्णाकार सिद्धान्त

ज्ञान--ज्ञान का मानचित्र सिद्धान्त

संभावना--संभावना सिद्धान्त

संप्रयोजित--संप्रयोजन व्यवहारवाद सिद्धान्त

उद्देश्य--उद्देश्यवाद,संकेतवाद

*टॉलमैन ने अपने प्रयोग चूहे पर किए।

मनोविज्ञान के सिद्धान्त-बी.एफ.स्किनर

प्रिय बंधुओं,
               यहां कुछ बहुमुल्य जानकारी उपलब्ध
करवाई जा रही है।
जो मेरे भाई-बहिन प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी मे दिन-रात लगे हुए है या वो जो अपने ज्ञान मे वृद्धि करने के इच्छुक है या बहुत कुछ जाननें के प्रति दृढ़ संकल्पित है। वैसे सफलता का कोई आसान रास्ता नही होता पर छोटी-छोटी पगडंडियों से राह सुगम हो जाती है।
पहले के समय मे जहां गणित,और विज्ञान की पढाई पर ही बल दिया जाता था।गणित और विज्ञान को कठिन विषय समझा जाता था।जिसका डर आज भी बच्चो के दिलों-दिमाग पर छाया हुआ है।
वर्तमान दौर मे इतिहास एवं सामान्य ज्ञान पर ही बल दिया जा रहा है क्योंकि प्रतियोगी परीक्षाओं मे अधिक अंक लाने के लिए आपको सामान्य ज्ञान होना बहुत जरूरी है और समय की मांग भी है।
तो मित्रों शुरू से ही यदि हम सामान्य ज्ञान का अध्ययन निरन्तर करते रहे तो हमें ज्यादा परेशानियों का सामना नही पड़ता।
सामान्य ज्ञान याद रखने का केवल और केवल एक ही तरीका होता है सुबह सुबह ध्यान एवं योगा और  सामान्य ज्ञान का समय समय पर दोहराव।
अंत मे मै उम्मीद करता हूं कि प्रस्तुत जानकारी आप लोगो के लिए उपयोगी होगी।
अगर लिखते समय कोई भूल हुई हो या आप कोई सुझाव देना चाहे कि आप किसके बारें मे जानकारी चाहते है तो कृपया करके मुझे अवगत करायें।
अगर मेरी वजह से किसी भी भाई बहिन के ज्ञान मे वृद्धि हुई तो मै अपने आपको भाग्यशाली समझूंगा।



Trick:रिक्त व्यक्तियों में सक्रिय कार्यो की क्रिया RS से होती है।
रिक्त--रिक्त प्राणी उपागम सिद्धान्त

व्यक्तियों--व्यक्तिक उपागम सिद्धान्त

सक्रिय--सक्रिय अनुबंध सिद्धान्त

कार्यो--कार्यात्मक प्रतिबद्धता सिद्धान्त

क्रिया--क्रिया प्रसूत अधिगम सिद्धान्त

RS--RS Theory

*बी.एफ.स्किनर(अमेरिका)ने अपने प्रयोग चूहे(1938) व कबूतर(1943) पर किए

Tuesday, 26 December 2017

आदतों के प्रकार


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जो मेरे भाई-बहिन प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी मे दिन-रात लगे हुए है या वो जो अपने ज्ञान मे वृद्धि करने के इच्छुक है या बहुत कुछ जाननें के प्रति दृढ़ संकल्पित है। वैसे सफलता का कोई आसान रास्ता नही होता पर छोटी-छोटी पगडंडियों से राह सुगम हो जाती है।
पहले के समय मे जहां गणित,और विज्ञान की पढाई पर ही बल दिया जाता था।गणित और विज्ञान को कठिन विषय समझा जाता था।जिसका डर आज भी बच्चो के दिलों-दिमाग पर छाया हुआ है।
वर्तमान दौर मे इतिहास एवं सामान्य ज्ञान पर ही बल दिया जा रहा है क्योंकि प्रतियोगी परीक्षाओं मे अधिक अंक लाने के लिए आपको सामान्य ज्ञान होना बहुत जरूरी है और समय की मांग भी है।
तो मित्रों शुरू से ही यदि हम सामान्य ज्ञान का अध्ययन निरन्तर करते रहे तो हमें ज्यादा परेशानियों का सामना नही पड़ता।
सामान्य ज्ञान याद रखने का केवल और केवल एक ही तरीका होता है सुबह सुबह ध्यान एवं योगा और  सामान्य ज्ञान का समय समय पर दोहराव।
अंत मे मै उम्मीद करता हूं कि प्रस्तुत जानकारी आप लोगो के लिए उपयोगी होगी।
अगर लिखते समय कोई भूल हुई हो या आप कोई सुझाव देना चाहे कि आप किसके बारें मे जानकारी चाहते है तो कृपया करके मुझे अवगत करायें।
अगर मेरी वजह से किसी भी भाई बहिन के ज्ञान मे वृद्धि हुई तो मै अपने आपको भाग्यशाली समझूंगा।



आदतों के वेलेन्टाइन ने सात प्रकार बताए है।
१.यांत्रिक आदतें-रोजमर्रा की गतिविधियाँ

२.नाड़ी मंडल संबंधी आदतें-व्यक्ति मे संवेगात्मक असंतुलन का होना

३.शारीरिक इच्छा संबंधी आदतें-व्यक्ति अपनी इच्छाओं की पूर्ति करता है।

४.विचार संबंधी आदतें-व्यक्ति के ज्ञान और उसकी रुचियों से संबंधित

५.भाषा संबंधी आदतें-शिक्षक के गलत उच्चारण से बच्चे भी गलत ही बोलना सीखते है।

६.भावना संबंधी आदतें-व्यक्ति भावपूर्ण व्यवहार करता है।

७.नैतिक आदतें-व्यक्ति मे नैतिकता के विकास से है।

बाल अपराध के कारण

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पहले के समय मे जहां गणित,और विज्ञान की पढाई पर ही बल दिया जाता था।गणित और विज्ञान को कठिन विषय समझा जाता था।जिसका डर आज भी बच्चो के दिलों-दिमाग पर छाया हुआ है।
वर्तमान दौर मे इतिहास एवं सामान्य ज्ञान पर ही बल दिया जा रहा है क्योंकि प्रतियोगी परीक्षाओं मे अधिक अंक लाने के लिए आपको सामान्य ज्ञान होना बहुत जरूरी है और समय की मांग भी है।
तो मित्रों शुरू से ही यदि हम सामान्य ज्ञान का अध्ययन निरन्तर करते रहे तो हमें ज्यादा परेशानियों का सामना नही पड़ता।
सामान्य ज्ञान याद रखने का केवल और केवल एक ही तरीका होता है सुबह सुबह ध्यान एवं योगा और  सामान्य ज्ञान का समय समय पर दोहराव।
अंत मे मै उम्मीद करता हूं कि प्रस्तुत जानकारी आप लोगो के लिए उपयोगी होगी।
अगर लिखते समय कोई भूल हुई हो या आप कोई सुझाव देना चाहे कि आप किसके बारें मे जानकारी चाहते है तो कृपया करके मुझे अवगत करायें।
अगर मेरी वजह से किसी भी भाई बहिन के ज्ञान मे वृद्धि हुई तो मै अपने आपको भाग्यशाली समझूंगा।






१.आनुवांशिक कारण-माता-पिता से वंशानुक्रम द्वारा

२.शारीरिक कारण-शारीरिक दोष होने पर

३.मनोवैज्ञानिक कारण-संवेगो मे असंतुलन होने पर

४.सामाजिक कारण-कुसंगति मे रहने से

५.पारिवारिक कारण-परिवार मे गरीबी व झगड़े युक्त वातावरण होने पर

६.विद्यालयी कारण-विद्यालय का वातावरण सही न होने पर व खेल-कूद,मनोरंजन के अभाव से

*बाल अपराध विज्ञान का जनक-लोम्ब्रैसो

Tuesday, 5 December 2017

मापन एवं मूल्यांकन मे अंतर

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पहले के समय मे जहां गणित,और विज्ञान की पढाई पर ही बल दिया जाता था।गणित और विज्ञान को कठिन विषय समझा जाता था।जिसका डर आज भी बच्चो के दिलों-दिमाग पर छाया हुआ है।
वर्तमान दौर मे इतिहास एवं सामान्य ज्ञान पर ही बल दिया जा रहा है क्योंकि प्रतियोगी परीक्षाओं मे अधिक अंक लाने के लिए आपको सामान्य ज्ञान होना बहुत जरूरी है और समय की मांग भी है।
तो मित्रों शुरू से ही यदि हम सामान्य ज्ञान का अध्ययन निरन्तर करते रहे तो हमें ज्यादा परेशानियों का सामना नही पड़ता।
सामान्य ज्ञान याद रखने का केवल और केवल एक ही तरीका होता है सुबह सुबह ध्यान एवं योगा और  सामान्य ज्ञान का समय समय पर दोहराव।
अंत मे मै उम्मीद करता हूं कि प्रस्तुत जानकारी आप लोगो के लिए उपयोगी होगी।
अगर लिखते समय कोई भूल हुई हो या आप कोई सुझाव देना चाहे कि आप किसके बारें मे जानकारी चाहते है तो कृपया करके मुझे अवगत करायें।
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मापन-
१.इसमे केवल अंक प्रदान करते है।
२.ये वस्तु की मात्रा बताता है।
३.इसका क्षेत्र सीमित है।
४.इससे सार्थक भविष्यवाणी नही की जा सकती।
५.इसमे अधिक श्रम,समय की आवश्यकता नही है।
६.छात्र के विषय मे स्पष्ट धारणा नही बनाई जा सकती।


मूल्यांकन-
१.इसमे अंक देकर मूल्य निर्धारित किए जाते है।
२. ये वस्तु का मूल्य बताता है।
३.इसका क्षेत्र व्यापक है।
४.इसमे अधिक श्रम,समय व धन की आवश्यकता होती है।
५.इससे सार्थक भविष्यवाणी की जा सकती है।
६.इससे छात्र के बारे मे स्पष्ट धारणा बनाई जा सकती है।

संस्कृत मे उच्चारण स्थान

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पहले के समय मे जहां गणित,और विज्ञान की पढाई पर ही बल दिया जाता था।गणित और विज्ञान को कठिन विषय समझा जाता था।जिसका डर आज भी बच्चो के दिलों-दिमाग पर छाया हुआ है।
वर्तमान दौर मे इतिहास एवं सामान्य ज्ञान पर ही बल दिया जा रहा है क्योंकि प्रतियोगी परीक्षाओं मे अधिक अंक लाने के लिए आपको सामान्य ज्ञान होना बहुत जरूरी है और समय की मांग भी है।
तो मित्रों शुरू से ही यदि हम सामान्य ज्ञान का अध्ययन निरन्तर करते रहे तो हमें ज्यादा परेशानियों का सामना नही पड़ता।
सामान्य ज्ञान याद रखने का केवल और केवल एक ही तरीका होता है सुबह सुबह ध्यान एवं योगा और  सामान्य ज्ञान का समय समय पर दोहराव।
अंत मे मै उम्मीद करता हूं कि प्रस्तुत जानकारी आप लोगो के लिए उपयोगी होगी।
अगर लिखते समय कोई भूल हुई हो या आप कोई सुझाव देना चाहे कि आप किसके बारें मे जानकारी चाहते है तो कृपया करके मुझे अवगत करायें।
अगर मेरी वजह से किसी भी भाई बहिन के ज्ञान मे वृद्धि हुई तो मै अपने आपको भाग्यशाली समझूंगा।




(१). अकुहविसर्जनीयानां कण्ठ:- अ,आ,क वर्ग,ह,विसर्ग =कण्ठ

(२).इचुयशानां तालु:-इ,ई,च वर्ग,य,श=तालु

(३).त्रृटुरषानां मूर्धा:-त्रृ,ट वर्ग,र,ष=मूर्धा

(४).लृतुलसानां दन्ता:-लृ,त वर्ग,ल,स=दन्त

(५).उपूपध्यानीयानामोष्ठौ:-उ,ऊ,प वर्ग,उपध्मानीया=ओष्ठ

(६).ञमड.णनानां नासिका च:-ञ,म,ड.,ण,न=नासिका

(७).एदैतो:कंठतालु:-ए,ऐ=कंठतालु

(८).ओदोत्तो:कंठोष्ठम्:-ओ,औ=कंठोष्ठम्

(९).वकारस्य दन्तोष्ठम्:-व=दन्तोष्ठम्

(१०.) नासिका डुनुस्वारस्य:-अनुस्वार=नासिका